पेरिस पैरालंपिक: जेवलिन थ्रो में सुमित अंतिल ने जीता स्वर्ण पदक, रचा नया इतिहास
पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय खिलाड़ी लगातार धमाकेदार प्रदर्शन कर रहे हैं। भारतीय जैवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल ने स्वर्ण पदक जीत कर इतिहास रच दिया है। सुमित ने अपने दूसरे प्रयास मे ये उपलब्धि हासिल की है। सुमित इससे पहले भी टोक्यो पैरालंपिक में स्वर्ण पदक विजेता रहे हैं।
कैसे बनाया नया रिकॉर्ड
सुमित अंतिल ने मेन्स जैवलिन थ्रो (एफ 64 वर्ग) में स्वर्ण पदक जीता। सुमित ने अपने दूसरे प्रयास में 70.59 मीटर दूर भाला फेंककर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। सुमित अंतिल का ये थ्रो पैरालंपिक गेम्स के इतिहास (F64 वर्ग) का सबसे अच्छा थ्रो रहा।
कैसे सुमित ने गवाया अपना पैर
हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले सुमित अंतिल का जन्म 7 जून 1998 को हुआ था। सुमित जब सात साल के थे, तब एयरफोर्स में तैनात उनके पिता रामकुमार की बीमारी से मौत हो गई थी । इसके बाद चारों बच्चों का पालन पोषण माँ ने किया। 12वीं में पढ़ाई के दौरान सुमित के साथ एक भयानक हादसा हुआ। 5 जनवरी 2015 की शाम को वह ट्यूशन से बाइक से वापस आ रहे थे, तभी सीमेंट के कट्टों से भरी ट्रैक्टर ने उन्हें टक्कर मार दी। इस हादसे में सुमित ने अपना पैर गँवा दिया, लेकिन उन्होंने हार नही मानी और कड़ी मेहनत कर जिंदगी की सभी चुनौतियों का सामना किया।
पेरिस पैरालंपिक में भारत ने अब तक कुल 15 पदक अपने नाम किए हैं जिनमें 3 स्वर्ण पदक, 5 रजत पदक और 7 कांस्य पदक शामिल हैं।