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तेजस्वी यादव ने लगाया आरोप- ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से नाम गायब; चुनाव आयोग ने कहा- दावा बेबुनियाद

चुनाव आयोग ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का पहला चरण पूरा होने के बाद मतदाता सूची का ड्राफ्ट जारी किया है। इसपर आरजेडी (RJD) नेता और बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का कहना है कि उनका नाम इस मसौदा सूची में नहीं है। शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, उन्होंने चुनाव आयोग पर कई आरोप लगाए और चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल उठाया।

शनिवार देर शाम चुनाव आयोग ने इस मामले में एक्स पोस्ट कर तेजस्वी यादव के दावों को बेबुनियाद और गैर जिम्मेदार बताया।

आयोग ने कहा, उठाए गए सवाल तथ्यहीन हैं। साथ ही, आरजेडी के 47,506 बीएलओ ने एक अगस्त से दो अगस्त (दोपहर तीन बजे) तक कोई दावा या आपत्ति नहीं दर्ज की है। इस तरह के बयान बहुत गैरज़िम्मेदाराना हैं और आरोप स्पष्ट रूप से बेबुनियाद हैं।
शनिवार को पटना जिला प्रशासन ने सोशल मीडिया पर बताया कि तेजस्वी यादव का नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में है।

तेजस्वी यादव के दावों पर प्रशासन ने दी सफाई, कहा आधारहीन हैं आरोप

तेजस्वी यादव के दावे की जांच के बाद पटना जिला प्रशासन ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा कि उन्हें न्यूज़ से पता चला कि तेजस्वी प्रसाद यादव का नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में नहीं है। पोस्ट में कहा गया है, इसकी जांच ज़िला प्रशासन, पटना ने की। इससे स्पष्ट होता है कि ड्राफ्ट मतदाता सूची में तेजस्वी यादव का नाम है।

पटना जिला प्रशासन ने तेजस्वी यादव को बिहार राज्य चुनाव आयोग और चुनाव आयोग को टैग करते हुए लिखा, पहले उनका नाम बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का पुस्तकालय भवन, मतदान केंद्र संख्या 171, क्रम संख्या 481 पर दर्ज था, लेकिन इस नई सूची में उनका नाम बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का पुस्तकालय भवन, मतदान केंद्र संख्या 204, क्रम संख्या 416 में है। ज़िला प्रशासन ने मतदाता सूची के पन्ने की फोटो भी शेयर की हैं। ज़िला प्रशासन ने इस पोस्ट को बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के एक्स हैंडल से पुनः पोस्ट किया है।

तेजस्वी यादव को चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जारी किया गया ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल में पटना जिले की 181-दीघा विधानसभा सीट पर वोटर के रूप में नामित किया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई को पटना के डीएम डॉ त्यागराजन एसएम ने बताया कि तेजस्वी यादव का नाम लिस्ट में है और सरकार के पास उनका ईपीआईसी नंबर है, जो गहन पुनरीक्षण से पहले जारी किया गया था। तेजस्वी यादव के दावे को उन्होंने गलत बताते हुए कहा, मतदाता संयम रखें। अपने नामों की सूची सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है, इसलिए हर कोई इसे देख सकता है।

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