
बिहार में राजनीतिक हलचल तेज है, सभी नेताओं ने अपने क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान को तेज कर दिया है। साथ ही साथ इस बार का चुनाव ब्यूरोक्रेसी की दृष्टिकोण से भी काफी दिलचस्प नजर आ रहा है। एक के बाद एक दिग्गज अधिकारियों के वीआरएस की खबर सामने आ रही है, और ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकारी सेवा में कार्यरत ये अधिकारी अब जन सेवा की ओर रुख कर सकते हैं।
इन्हीं सब के बीच हाल ही में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार सरकार में सचिव पद से इस्तीफा देने वाले पश्चिमी चंपारण के पूर्व जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय लगातार चर्चा में बने हुए हैं। पिछले माह जब दिनेश कुमार राय के सचिव बनने में दस हजार से अधिक लोगों द्वारा स्वागत एवं सम्मान समारोह किया गया, तभी से इनकी राजनीति में आने की चर्चा तेज है।
बीते 15 जुलाई को अपने इस्तीफे के बाद दिनेश कुमार राय इस्तीफे के 15 दिन बाद पहली बार अपने गृह क्षेत्र पहुंचें। उनके गृह जिले के कोचस प्रखंड में एक जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस जनसंवाद कार्यक्रम में करगहर विधानसभा क्षेत्र के कई पंचायतों के लगभग 5000 से अधिक लोग शामिल हुए। एक निजी हॉल में आयोजित इस जनसंवाद में पहुंचने के क्रम में दिनेश कुमार राय का काफिला लगभग 500 गाड़ियों के साथ पहुंचा और उत्साहित जनों ने दिनेश कुमार राय जिंदाबाद, एवं हमारा विधायक दिनेश कुमार राय जैसा हो जैसे नारे लगाए।
जनसंवाद को संबोधित करते हुए दिनेश कुमार राय ने कहा कि “लोगों को ऐसा लग रहा है कि मैं यहां सांसद, विधायक बनने आया हूं, लेकिन मैं बता दूं कि मैं एक पद को छोड़ कर आया हूं, और किसी लोभ हेतु नहीं अपितु जन सेवा की भावना से आया हूं।” उन्होंने आगे कहा कि “मैं जहां भी पदस्थापित रहा हूं वहां अंत्योदय के सिद्धांतों को पूरा करने का प्रयास किया है, एवं अपने जनसुनवाई केंद्रों या कार्यस्थल को जनता का मंदिर बनाने का प्रयास किया है। आगे भी मेरी कोशिश यहीं होगी, अतः किसी के बहकावे में नहीं आना है और मुझ पर विश्वास रखना है।”
दिनेश कुमार राय ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि लोग हमेशा मेरे बारे में गलत गलत बात बनाते हैं, आस पास में टिप्पणी करते हैं, लेकिन आप सभी से मेरा आग्रह है कि आप मेरे नाम से कभी किसी को अपशब्द नहीं कहें, किसी प्रकार की टिपण्णी या सोशल मीडिया पर बयानबाजी नहीं करें, मैंने आदरणीय मुख्यमंत्री जी के साथ 9 वर्षों तक कार्य किया है, और सभी मेरे आचरण से परिचित हैं, मैंने कभी भी कोई ऐसा कार्य नहीं किया है, जिससे लोगों को कहीं सर झुकाने की या शर्मिंदा होने की नौबत आए।”
इस जनसंवाद कार्यक्रम में अलग अलग पंचायतों के त्रिस्तरीय पंचायत के जन प्रतिनिधि उपस्थित थे, साथ ही मुख्य संघ के अध्यक्ष की भी उपस्थिति रही। अपने संबोधन के दौरान सभी ने एक स्वर में कहा कि उनका मानना है कि करगहर के विकास हेतु दिनेश कुमार राय से उपयुक्त कोई नहीं है। ऐसे शिक्षित एवं योग्य व्यक्ति जो जाति नहीं जमात की बात करता है, जो निरंतर जनसेवा में रहा है, तथा वरिष्ठ अधिकारी होने के बाद भी आम जनों से जुड़ा हुआ एवं सबकी समस्याओं को समझने वाला है, अगर उन्हें प्रतिनिधि बनने का अवसर मिलता है तो यह क्षेत्र हेतु सौभाग्य की बात होगी।
दिनेश कुमार राय ने कहा कि यह हमारा प्रथम जनसंवाद कार्यक्रम है, और हम इसी के आधार पर आगे भी अलग अलग स्थानों जैसे करगहर, बड़हरी, शिवसागर इत्यादि पर जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन करते रहेंगे, और पंचायत स्तर पर चौपाल का भी आयोजन करेंगे। साथ ही दिनेश कुमार राय ने कहा कि उनकी कोशिश है कि वो गांव गांव तक लोगों से मिलें और वहां के लोगों के बीच रात्रि विश्राम भी करें।
चुनावी तैयारी के बारे में सवाल करने पर दिनेश राय ने जवाब दिया कि वे लगभग एक दशक तक मुख्यमंत्री के साथ कार्य किए हैं, आगे जैसा भी मुख्यमंत्री का आदेश होगा उसका अनुपालन करेंगे, और अवसर मिला तो चुनाव में भागीदारी भी रखेंगे।
दिनारा विधानसभा से उनके चुनाव लड़ने पर चल रही चर्चा को शिरे से खारिज करते हुए उन्होंने बताया कि उनका गृह क्षेत्र करगहर है, यहां के लोगों से उनका विशेष जुड़ाव है। उनकी कार्यशैली एवं व्यवहार कुशलता से प्रभावित होकर पश्चिमी चंपारण के लोगों ने भी उन्हें वहां से चुनाव लड़ने हेतु आमंत्रित किया था, लेकिन सबको छोड़ते हुए वे करगहर आए हैं, तो मौका मिला तो वे करगहर से ही चुनाव लड़ेंगे।